
MNREGA Kya Hai Full Information
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम), जिसे संक्षेप में MNREGA कहा जाता है, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में शुरू की गई एक ऐतिहासिक योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में हर परिवार को रोजगार का अधिकार देना और गरीबी को कम करना है। यह योजना भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए एक मजबूत आधार बन चुकी है।
मनरेगा के उद्देश्य:
- हर ग्रामीण परिवार को साल में न्यूनतम 100 दिन का रोजगार देना।
- मजदूरी के बदले निर्माण और विकास कार्य कराना।
- गरीबी हटाना और ग्रामीण इलाकों में जीवन स्तर सुधारना।
- महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और काम के समान अवसर प्रदान करना।
- ग्रामीण संसाधनों का बेहतर उपयोग कर टिकाऊ विकास सुनिश्चित करना।
कौन पात्र है (Eligibility)?
- 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी ग्रामीण निवासी।
- जिनके पास मनरेगा जॉब कार्ड हो।
- परिवार में कार्य करने के इच्छुक व्यक्ति होने चाहिए।
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How to apply MNREGA Kya Hai
- जॉब कार्ड बनवाएँ — अपने ग्राम पंचायत में जाकर आवेदन करें। पहचान पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसी जरूरी दस्तावेज़ दें।
- रोजगार की माँग करें — जॉब कार्ड मिलने के बाद, काम के लिए ग्राम पंचायत में लिखित आवेदन दें।
- काम का आवंटन — पंचायत को 15 दिनों के भीतर काम देना अनिवार्य है। यदि काम नहीं मिला तो बेरोजगारी भत्ता मिलना तय है।
मनरेगा के तहत मिलने वाले कार्य:
- तालाब निर्माण
- सड़क और रास्तों का निर्माण
- जल संरक्षण कार्य
- वृक्षारोपण
- खेतों के लिए सिंचाई सुविधाओं का विकास
- सामुदायिक भवनों का निर्माण
मजदूरी और भुगतान:
- मजदूरी राज्य सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी दर पर दी जाती है।
- मजदूरी सीधे आपके बैंक या डाकघर खाते में जमा होती है।
- काम पूरा होने के 15 दिनों के भीतर भुगतान करना आवश्यक है।
- यदि समय पर भुगतान नहीं होता, तो सरकार को जुर्माना देना पड़ता है।
मनरेगा के फायदे:
- रोजगार की गारंटी: बेरोजगारी में बड़ी राहत मिलती है।
- आर्थिक मजबूती: मजदूरी मिलने से ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधरती है।
- महिलाओं की भागीदारी: लगभग 50% कार्य महिलाएँ करती हैं, जिससे उनका आत्मनिर्भरता बढ़ती है।
- स्थायी विकास: गाँवों में सड़कों, तालाबों, जलस्रोतों आदि का निर्माण होता है, जिससे दीर्घकालिक विकास होता है।
- गरीबी में कमी: गाँव के गरीब तबके को काम और आय के स्थायी स्रोत मिलते हैं।